DR. ANWER JAMAL
said...
धोखे में वे लोग हैं जो अपनी माँ के साथ रिश्ते की पवित्रता भी बनाए रखते
हैं और ईश्वर का इन्कार भी करते हैं. पवित्रता ईश्वर के नाम से ही है.
पवित्रता नास्तिकता और विज्ञान का विषय नहीं है.
जो पवित्रता को
मानता है और उसे क़ायम करने वाले ईश्वर को नहीं मानता, वह अपनी हठ के कारण
सदा अंतर्द्वंद और विरोधाभास में जीता है और इसी में वह मर जाता है.
पोस्ट का लिंक : http://blogkikhabren.blogspot.in/2012/07/blog-post.html
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